Tuesday, May 19, 2009

इक बार फ़िर!

कई दिनों से कोशिश कर रही हूँ कि इस ब्लॉग को फ़िर से उर्जित करुँ... परन्तु हो ही नही पा रहा था... कभी गूगल का हिन्दी अनुवाद काम नही कर रहा था और कभी उत्तेजक विचारों कि कमी के कारण लिखने का दिल नही कर रहा था....

मुझे इस बात का कई बार दुःख होता है कि जिस भाषा पर मेरा अत्याधिक प्रेम (और योग्यता भी) था , आज मुझे उसमें अपने विचारओं का विश्लेषण करने के लिए सौ बार सोचना पड़ता है... यह भाग्य कि विडम्बना नही मेरा दोष है....

पाठकों, मैं इस ब्लॉग को अतिशीघ्र पुनः जीवित करुँगी.... तब तक के लिए प्रतीक्षा कीजिये... :)

9 comments:

दिगम्बर नासवा said...

स्वागत है आपका

gazalkbahane said...

हम इन्तजार करेंगे..........
अच्छी शुरुआत है,जारी रखें
http://gazalkbahane.blogspot.com/
कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/
दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
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Gyan Dutt Pandey said...

रोचक! इन्वेस्टमेण्ट बैंकिंग से लोग जुड़ रहे हैं। कविता कहानी की बजाय उस क्षेत्र का कुछ हिन्दी नेट पर आये तो सार्थक!
साहित्य वमन तो बहुत से कर रहे हैं! :)

shama said...

Shubhkamnayen!
Intezar hai apkee lekhan ka ...!

Deepak "बेदिल" said...

chalo koi baat nahi aapne likha wo hi kaafi hai asaa hi likhte rahiye

soch ko jagate rahiye..
jai ho

प्रकाश गोविंद said...

aap bekaar men pareshaan ho rahi hain .

aapko jab bhi hindi men likhna ho iss site ko kholiye aur isko "add to favourite" men shaamil karv leejiye :
http://www.google.co.in/transliterate/indic/Hindi

aasha hai ab aapki koyi rachna padhne ko milegi.

shubhkamnayen.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

good luck.narayan narayan

Sudhanshu Sharma said...

हमे प्रतीक्षा रहेगी

Anjali blogs... said...

hmmm...